महाकुंभ में श्रद्धालुओं का जनसैलाब, महाशिवरात्रि कल, पांचवें अमृत स्नान को लेकर प्रशासन ने कसी कमर
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश - आस्था के सबसे बड़े समागम महाकुंभ में भक्तों का जनसैलाब उमड़ रहा है। कल महाशिवरात्रि है और इस अवसर पर पाचवें अमृत स्नान के साथ महाकुंभ मेले का समापन भी होगा। बढ़ते जनसैलाब को देखते हुए प्रशासन ने इस महत्वपूर्ण स्नान को लेकर अपनी कमर कस ली है, कोई अनहोनी न हो इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
महाकुंभ में उमड़ रहा है जनसैलाब
महाकुंभ में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आ रहे हैं। अभी तक लगभग 63 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगा ली है। कल यानी महाशिवरात्रि के दिन अंतिम अमृत स्नान है संगम के तट पर आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। श्रद्धालु गंगा और संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाकर पुण्य कमा रहे हैं।
महाशिवरात्रि का विशेष महत्व, प्रशासन ने की पुख्ता तैयारी
महाशिवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है और इस दिन श्रद्धालु व्रत रखकर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन संगम में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है ।महाशिवरात्रि के अवसर पर होने वाले पांचवें अमृत स्नान को लेकर प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। इसके साथ ही, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
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श्रद्धालुओं में उत्साह
महाशिवरात्रि के अवसर पर संगम में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। दूर-दूर से लोग प्रयागराज पहुंच रहे हैं और संगम के तट पर डेरा जमाए हुए हैं। महाशिवरात्रि के साथ ही महाकुंभ का समापन हो जाएगा। यह महाकुंभ कई मायनों में ऐतिहासिक रहा है और इसमें करोड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। महाकुंभ में 5 अमृत स्नान होते हैं, जिनमें से 4 हो चुके हैं। महाशिवरात्रि के दिन पांचवां और अंतिम अमृत स्नान होगा। इसी के साथ महाकुंभ मेले के समापन कि घोषणा कर दी गई है।
प्रशासन की श्रद्धालुओं से अपील
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे महाकुंभ में शांति और व्यवस्था बनाए रखें। किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। महाकुंभ एक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का है। यह भारत की एकता और अखंडता का प्रतीक है। महाकुंभ में विभिन्न राज्यों और समुदायों के लोग एक साथ आकर स्नान करते हैं और धार्मिक चर्चाओं में भाग लेते हैं।
महाकुंभ में स्वयंसेवी संस्थाओं का योगदान व सांस्कृतिक कार्यक्रम
महाकुंभ में कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी अपनी सेवाएं दे रही हैं। ये संस्थाएं श्रद्धालुओं को भोजन, आवास और चिकित्सा जैसी सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं। महाकुंभ में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में विभिन्न प्रकार के लोक नृत्य, संगीत और नाटक प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
महाकुंभ में धार्मिक प्रवचन, सुरक्षा व्यवस्था
महाकुंभ में कई धार्मिक प्रवचन भी आयोजित किए जा रहे हैं। इन प्रवचनों में विभिन्न धर्मों के गुरु और विद्वान अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है।
महाकुंभ में यातायात व स्वच्छता व्यवस्था
महाकुंभ में यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं के लिए बसों और ट्रेनों की व्यवस्था की गई है। महाकुंभ में स्वच्छता व्यवस्था को बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। जगह-जगह पर कूड़ेदान लगाए गए हैं और सफाई कर्मचारियों की तैनाती की गई है।
महाकुंभ में चिकित्सा पेयजल व्यवस्था
महाकुंभ में चिकित्सा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। जगह-जगह पर चिकित्सा शिविर लगाए गए हैं और एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा पेयजल व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। जगह-जगह पर पेयजल की व्यवस्था की गई है।
महाकुंभ में खोया-पाया, पर्यटक सूचना केंद्र
महाकुंभ में खोया-पाया केंद्र भी स्थापित किया गया है। इस केंद्र में खोए हुए लोगों और सामान की जानकारी दी जाती है।मेले में पर्यटक सूचना केंद्र भी स्थापित किया गया है। इस केंद्र में पर्यटकों को महाकुंभ से संबंधित जानकारी दी जाती है।
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